Rumored Buzz on Shiv chaisa
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
Whosoever gives incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with appreciate and devotion, enjoys materials pleasure and spiritual bliss In this particular entire world and hereafter ascends on the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eliminated the suffering of all and grants them Everlasting bliss.
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
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धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न shiv chalisa in hindi काऊ॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।